गणेश चतुर्थी

( Ganesh Chaturthi ) 

 

शिवजी ने दिया गणेश को,प्रथम पूज्य वरदान

देवी देवताओं में अग्र ,
गणपति की आराधना ।
हर कर्म धर्म शुभारंभ,
पूर्ण इन्हीं से मनोकामना ।
सद्बुद्धि के अधिष्ठाता का,
सारी सृष्टि करती पहला ध्यान ।
शिवजी ने दिया गणेश को,प्रथम पूज्य वरदान ।।

महादेव साथ गणेश का,
जब हुआ नैतिक युद्ध ।
शीश लगाकर हाथी का,
वचनों से किया प्रतिबद्ध ।
अलौकिक इस आभा को,
तब मिला अप्रतिम सम्मान ।
शिवजी ने दिया गणेश को,प्रथम पूज्य वरदान ।।

देवों के देव गजानन,
रिद्धि सिद्धि प्रदायक हैं ।
पवित्रकों के स्वामी,
आदि देव विनायक हैं ।।
देवताध्यक्ष की पदवी से ,
जारी करते शुभता फरमान ।
शिवजी ने दिया गणेश को, प्रथम पूज्य वरदान ।।

धूम्रकेतु बन एकदंत,
राहु को दूर करते हैं।
गणपति स्वरूप में सबकी,
संभाल भरपूर करते हैं ।
चंद्रदोष निवारण कर,
खुशियां करते अथाह प्रदान ।
शिवजी ने दिया गणेश को, प्रथम पूज्य वरदान ।।

 

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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