Geet aankhon se jhalakta pyar
Geet aankhon se jhalakta pyar

आंखों से झलकता प्यार

( Aankhon se jhalakta pyar )

 

 

बातों में रसधार टपकती, आंखों से छलकता प्यार।
दिल दीवाना मस्ती में झूमा, बजे सारे दिलों के तार।
आंखों से छलकता प्यार

मदमाती चाल मस्तानी, गोर वर्ण चेहरा नूरानी।
बलखाती सरिता सी दौड़े, आई हो मद की दीवानी।
धवल चांदनी प्यारी सी, गौरी कर आई हो सिंगार।
चपल चंचला रूपसी लगे, उतरी ज्यों दिलों के पार।
आंखों से छलकता प्यार

मन का कोना कोना महका, दिलों की वादियों सभी।
बरस पड़ा झुमके सावन, बही प्यार की नदियां तभी।
उमड़ने लगा प्रेमसागर, चली प्रीत भरी बयार।
मन की मुरादे पूरी मानो, दिया कुदरत ने उपहार।
आंखों से छलकता प्यार

मन का पंछी गाने लगा, वो गीतों के तराने प्यारे।
संगीत सुहाना अधर आया, बज उठे साज सारे।
झील सी इन आंखों में जब, दीवाने डूबे मंझधार।
कोई बनजारा गाता, लो आ गई मस्त बयार।
आंखों से छलकता प्यार

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रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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