
आओ हम रंगों में डूबे।
( Aao hum rangon mein doobe )
होलिया में आया रे निखार,
आओ हम रंगों में डूबें।
लहंगा नया रे जालीदार,
आओ हम रंगों में डूबें।
रंगों की बौछार,फागुन की मस्ती,
पियो तू आँखों से डूबे न कश्ती।
खुलके करो रे! सब प्यार,
आओ हम रंगों में डूबें।
होलिया में आया रे निखार,
आओ हम रंगों में डूबें।
लहंगा नया रे जालीदार,
आओ हम रंगों में डूबें।
ऊपर -ऊपर रंग लगाओ,
नीचे ऊ चाहे तो ही लगाओ।
बढ़ाओ रे पिचकारी की धार,
आओ हम रंगों में डूबें।
होलिया में आया रे निखार,
आओ हम रंगों में डूबें।
लहंगा नया रे जालीदार,
आओ हम रंगों में डूबें।
उठती जवानी कोरा बदन है,
काबू में नाहीं देखो अगन है।
खुल के करो रे इकरार,
आओ हम रंगों में डूबें।
होलिया में आया रे निखार,
आओ हम रंगों में डूबें।
लहंगा नया रे जालीदार,
आओ हम रंगों में डूबें।
रामकेश एम.यादव (रायल्टी प्राप्त कवि व लेखक),मुंबई