Baigani Rang par Kavita
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बैंगनी रंग

( Baigani rang ) 

 

लाल नीला मिलके बन जाता रंग बैंगनी मनभावन।
शीतलता का एहसास हो प्यार का बरसता सावन।

राजसी वैभव प्रतीक वर्ण जादुई रहस्यों को समाए।
कल्पनाओं की उड़ानें भरें उत्साह उमंगे हृदय आए।

जीवन में संतुलन लाएं खुशियों के पुष्प खिलाएं।
तरोताजगी उमंगों से ओज कांति यौवन बरसाए।

रक्तचाप को कम कर देता रोग दोष मिटती व्याधि।
पोषक तत्व समाए रखें सब्जियों में राजा उपाधि।

प्रतिरोधक गुण बैंगनी संक्रमण का शमन कर दे।
रूप सौंदर्य लावण्य से तन मन की पीर हर ले।

भूमि भूधर रूप निखारे नयनों को रंग लगते प्यारे।
जीवन में अनुराग जगा क़िस्मत के दमके सितारे।

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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