नये दिनमान भाग्य हमारे | Geet Naye Dinman Bhagya Hamare
नये दिनमान भाग्य हमारे
( Naye dinman bhagya hamare )
किस्मत के तारे दमके, खुल गये भाग्य के द्वार।
बदल रहे दिनमान हमारे, स्वागत करते बारंबार।
स्वागत करते बारंबार
खुल रहे तकदीर के ताले, खुशियों की चली बयार।
जीवन में उमंगे आई, खिला गुलशन हुआ गुलजार।
खिल जाए फूलों की राहें, बरसे प्रेम सुधा रसधार।
दिनमानों ने पलटी काया, उमड़ा स्नेह सिंधु अपार।
स्वागत करते बारंबार
ग्रह नक्षत्र अनुकूल हो रहे, जादू है दिनमानो का।
चमका चंद्रमा सारा, भाग्य रेखा प्रतिमानों का।
किस्मत की लकीरों का, रंग छाया असरदार।
वक्त ने करवट बदली, जीवन में छाई बहार।
स्वागत करते बारंबार
इंद्रधनुषी रंग छा गया, पल-पल सतरंगी बहार।
बहे प्रेम की पावन धारा, अपनापन उमड़े प्यार।
खुशियों की घटाएं ले, मुस्कानों की हुई फुहार।
मोती बरसे प्यार भरे, मन झूमा है कितनी बार।
स्वागत करते बारंबार
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )