Meri Beti Poem
Meri Beti Poem

मिस्टी सी मुस्कान

( Misty si muskan )

 

मिस्टी सी मुस्कान बेटी बनो देश की शान
आसमां की सैर करो तुम उंची उड़ो उड़ान

पंख लगाकर सपनों को सब पूरे हो अरमान
घर आंगन महके फुलवारी बेटी तुम गुणवान

सुरभित पुष्पों से महके तेरा जीवन संसार
सृष्टि का उपहार है तू शक्ति का अवतार

आशाओं का दीप हो नेह प्रेरणा की बाती
बेटी पापा की लाडली आंगन को महकाती

भर जाये दामन खुशियों से जग में नाम पाओ
कीर्ति पताका शुभ कर्मो से दुनिया में लहराओ

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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