आंखों से करती जादू है | Ghazal Aankhon se
आंखों से करती जादू है
आंखों से करती जादू है
दिल होता यूं बेकाबू है
सांसें महके तुझमें हर पल
उड़ती जो तेरी ख़ुशबू है
देख रहा है दूर खड़ा वो
आ के बैठा कब पहलू है
कब फ़ूल दिया है उल्फ़त का
मारा नफ़रत का चाकू है
बात न की आज़म यूं तुझसे
कड़वी बातें करता तू है