Ghazal acchai ka rasta
Ghazal acchai ka rasta

मुझे अच्छाई का रास्ता दिखाता है!

( Mujhe acchai ka rasta dikhata hai )

 

 

मुझे  अच्छाई  का  रास्ता दिखाता है!
जमीर मेरा मुझे आइना दिखाता है

 

कभी  पूरे जो नहीं पायेगे जीवन में ही
निगाहों में ख़्वाब ऐसे नया दिखाता है

 

झूठा है दिल वो बड़ा मगर अपने यारों
मगर मुझे दिल अपना बावफ़ा दिखाता है

 

कभी न टूटेगा रिश्ता न समझें नादा वो
मुझी से ख़ुद को वो नादा जुदा दिखाता है

 

नहीं दिखाता है उल्फ़त भरी आँखें मुझको
निगाहों से रोज़ मुझको जफ़ा दिखाता है

 

जैसे हूँ गैर नज़र में मगर उसकी ही मैं
वो रोज़ करके मुझको फ़ासिला दिखाता है

 

क़बूल आज़म किया गुल नहीं शायद दिल से
मुझे  वो ही आजकल दिल ख़फ़ा दिखाता है

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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