बुलाया था उसने | Ghazal Bulaya tha Usne
बुलाया था उसने
( Bulaya tha Usne )
इशारे से हमको बुलाया था उसने
हमे दर्द अपना सुनाया था उसने !
झुकाकर निगाहें ज़रा सी शरम से,
मुहब्बत को अपनी जताया था उसने !
गँवाया था दिल यह उसी वक्त हमने
गिराकर जब पल्लू उठाया था उसने !
बगल से थे गुजरे मिरे, अज़नबी बन,
हमें इस तरह से सताया था उसने !
हया में झुकाकर के सर यार अपना,
भले से ‘धरम’ को लुभाया था उसने !!
डी के निवातिया