चेहरे के पीछे चेहरा है
( Chehare ke peechhe chehara hai )
वो राज़ बहुत ही गहरा है
चेहरे के पीछे चेहरा है।
आंखें उसकी काली काली
बालों का रंग सुनहरा है।
हुस्न कयामत है उसका
जो देखे वो ही ठहरा है।
दीदार की दी है छूट मुझे
मिलने पे लगाया पहरा है।
सुनता बातें वो मेरी नहीं
क्या दिलबर मेरा बहरा है।
तुमको क्या है मतलब फैसल
वो जैसा भी है मेरा है।
शायर: शाह फ़ैसल
( सहारनपुर )
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