दिल में इतनी बढ़ गई है दूरियां
दिल में इतनी बढ़ गई है दूरियां

दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां

( Dil mein unse badh gayi hai dooriyan )

 

दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां।।
रास  आने  है  लगी  तन्हाइयां ।।

 

फ़ासलाअब बढ़ गया है इस कदर।।
साथ  रहना  बन  गया  मज़बूरियां।।

 

ग़म बढ़ा हद से ज़ियादा जब मेरा।
दिल को तब भाने लगी बेहोशियां।।

 

जब हकीक़त का हुआ है सामना।
खो गयी सब प्यार की रंगीनियां।।

 

जो नहीं समझे कभी अल्फ़ाज को।
कैसे  समझेंगे  मेरी  खामोशियां।।

 

हर कदम हम को मिला धोखा यहां।
नेकियां  करके  मिली  रूसवाइयां।।

 

डूब  जाए  हर  बशर पढ़ के जिसे।
शायरी वो जिस में हो गहराइयां।।

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कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(M A. M.Phil. B.Ed.)
हिंदी लेक्चरर ,
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

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