
तुझ संग जुड़े नेह के तार
( Tujh sang jude neh ke taar )
जीवन पथ की हमसफर हो
मेरे दिल का तुम करार
मधुर संगीत का साज हो
तुम संग जुड़े नेह के तार
कितना प्यारा प्यारा लगता
सुंदर सुंदर यह संसार
हर्षित मन का कोना कोना
तुझ संग जुड़ें नेह के तार
इन सांसो की सरगम में
बहती हुई हो मस्त बहार
जीवन की डोर सुहानी सी
तुम संग जुड़े नेह के तार
फूलों सी खुशबू महकाती
तुम ही खुशहाली आधार
मेरे दिल की धड़कन हो
तुम संग जुड़े नेह के तार
अल्फाजों का वो जादू हो
तुम गीतों की झड़ी अपार
कविता में रस घुल जाता
तुझ संग जुड़े नेह के तार
चुस्ती फुर्ती तरो ताजगी
तुम उर्जा का हो भंडार
मस्त पवन का झोंका हो
तुम संग जुड़े नेह के तार
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )