Ghazal kamee dil mein tumhari
Ghazal kamee dil mein tumhari

कमी दिल में तुम्हारी

( Kamee dil mein tumhari )

 

कमी दिल में तुम्हारी ही  यहाँ हो

सनम मेरे चले आओ जहाँ हो

 

ख़ुशी के फूल क्या मुझपर बरसेंगे

यहाँ  तो रोज़ ग़म की ही ख़िज़ाँ हो

 

ख़फ़ा होकर वही बैठा बहुत है

यहाँ जिसकी यादें दिल में रवाँ हो

 

तुम्हारे बिन नहीं लगता यहाँ दिल

 जहाँ हो लौट आओ तुम कहाँ हो

 

न जाना दूर मुझसे ही कभी भी

हमेशा सनम तुम  मेरे दरमियाँ हो

 

ख़ुदा से यह दुआ की रोज़ दिल से

भरा  गुल प्यार का यह बागबां हो

 

नहीं वो फ़ोन भी आज़म  उठाता

उसे कैसे हाले दिल अब बयाँ हो

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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