Ghazal pyar ki phuvar

प्यार की अब होती फुवार कहाँ | Ghazal pyar ki phuvar

प्यार की अब होती फुवार कहाँ

( Pyar ki ab hoti phuvar kahan )

 

 

प्यार की अब  होती फुवार कहाँ

दिल उसी का अब बेक़रार कहाँ

 

शबनमी रूठी प्यार की ऐसी

हो रही फूलों की  बहार कहाँ

 

भूलने के जतन किये हर इक

याद से उसकी ही क़रार कहाँ

 

सूखा तन ताप से दग़ा की ही

प्यार की बारिश बेशुमार कहाँ

 

दुश्मनी पर वही उतर आया

अब रहा वो न मेरा यार कहाँ

 

है नशे में वही  दौलत के ही

कर रहा वो मगर वकार कहाँ

 

नफ़रतों के आज़म लगे पत्थर

फूलों की बरसी है बहार कहाँ

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें :-

भूल जाने का उसे ए रब असर दे | Ghazal bhool

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *