![Gulashan ka Phool Gulashan ka Phool](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2023/06/Gulashan-ka-Phool-696x464.jpg)
मैं गुलशन का फूल नहीं हूँ
( Main gulashan ka phool nahin hoon )
मैं गुलशन का फूल नहीं हूँ
लेकिन फ़िर भी बबूल नहीं हूँ
तू जो करें किनारा मुझसे
दिल से मैं तो शूल नहीं हूँ
तू जो गले लगता नहीं है
मैं ऐ यार बबूल नहीं हूँ
फ़ेरे तू नज़रें क्यों मुझसे
देखो मैं कोई धूल नहीं हूँ
तू जो तल्ख़ करें है लहज़ा
कोई की मैंने भूल नहीं हूँ
बता कमी क्या है आज़म में
क्यों तुझे मैं क़बूल नहीं हूँ
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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