Guru Mahima
Guru Mahima

गुरू महिमा

( Guru Mahima )

( 2 )

गुरू का रख लो मान
गुरू जीवन में देते हैं सुप्त गुणों को मान
गुरू हीं जानतें हैं
हमारी विदया और बल बुद्धी का देते हैं हमें आशिर्वाद महान
गुरू बिन नहीं जीवन का उद्धार
गुरू की वाणी हैं
गीता और रामायण
वेद पुराण
गुरू हैं सभी के
मनुष्य के साथ-साथ देवों के
गुरू का दर्जा हैं ईश्वर से महान
गुरू का रख लो मान
गुरू देते हैं हमारे सुप्त गुणों को मान..
सुप्त गुणों को लेते हैं गुरू हीं पल में जान
गुरू का जीवन में रख लो मान..

Shubhangi  Chauhan

चौहान शुभांगी मगनसिंह
लातूर महाराष्ट्र ।

( 1 )

मात – पिता हैं गुरु प्रथम, इन्हें नवाएँ शीश ।
धन्य वही जिनको मिले , इनका नित आशीष ।।

सारे ग्रंथों ने किया, गुरु महिमा का गान
गुरु को पहले पूजिए, फिर पूजो भगवान

महिमा गुरू अनंत है, गुरू ज्ञान भण्डार |
हरे तिमिर अज्ञान को, भर दे ज्ञान अपार ||

कृपा मिले गुरुदेव की , मिले सदा यश नाम ।
रहें शरण इनकी सदा , पायें सब सुख धाम ।।

गुरू कृपा से ही चले, ये सारा संसार |
करें नमन गुरु पादुका , होगा तब उद्धार ||

करें गुरू की वंदना, गुरु जीवन आधार |
गुरू की शरण में रहें , मिलेंगे मुक्ति द्वार ||

मिली कृपा गुरुदेव की ,पाया ज्ञान अपार
शब्द सुमन वर्षा करूँ, करूँ व्यक्त आभार

 

डॉ कामिनी व्यास रावल

(उदयपुर) राजस्थान

यह भी पढ़ें:-

वृक्ष संरक्षण | Vriksh Sanrakshan

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here