Guru Mahima
Guru Mahima

गुरू महिमा

( Guru Mahima )

 

मात – पिता हैं गुरु प्रथम, इन्हें नवाएँ शीश ।
धन्य वही जिनको मिले , इनका नित आशीष ।।

सारे ग्रंथों ने किया, गुरु महिमा का गान
गुरु को पहले पूजिए, फिर पूजो भगवान

महिमा गुरू अनंत है, गुरू ज्ञान भण्डार |
हरे तिमिर अज्ञान को, भर दे ज्ञान अपार ||

कृपा मिले गुरुदेव की , मिले सदा यश नाम ।
रहें शरण इनकी सदा , पायें सब सुख धाम ।।

गुरू कृपा से ही चले, ये सारा संसार |
करें नमन गुरु पादुका , होगा तब उद्धार ||

करें गुरू की वंदना, गुरु जीवन आधार |
गुरू की शरण में रहें , मिलेंगे मुक्ति द्वार ||

मिली कृपा गुरुदेव की ,पाया ज्ञान अपार
शब्द सुमन वर्षा करूँ, करूँ व्यक्त आभार

 

डॉ कामिनी व्यास रावल

(उदयपुर) राजस्थान

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