हरियाली अमावस्या | Hariyali Amavasya
हरियाली अमावस्या
( Hariyali amavasya )
मनाओं सभी हरियाली अमावस्या,
सावन में प्रकृति लाई ढेरों खुशियाॅं।
पर्व का उद्देश्य प्रकृति से प्रेम करो,
हरे भरें खेत देखकर झूमें सखियाॅं।।
जगह-जगह लगते मिठाई के ठेले,
बागों में झूलें और बाजारों में मेले।
सभी मनातें जश्न, त्योंहार परिवार,
युवाओं के साथ झूमें गुरु एवं चेले।।
गेहूं की धाणी और गुड का प्रसाद,
मूॅंग, मक्का, बाजरा बीजते ज्वार।
वृक्षों , पोधों में देवताओं का वास,
पर्यावरण से सबको मिलती श्वास।।
ब्रह्मा विष्णु महेश का पीपल वास,
ऑंवले लक्ष्मीनारायण विराजमान।
इनके बिन कोई पत्ता नहीं हिलता,
प्रकृति कण-कण में यह विद्यमान।।