हरियाली तीज पर्वोत्सव
हरियाली तीज पर्वोत्सव
हाथों की मेंहदी, आँखों का काजल,
तीज का त्यौहार, बरसते नेह बादल ।
सावन मनभावन दिल का लुभावन
सलामत रहे सजना, हूँ व्रत तीज पावन ।
कंगन चूड़ी खनके, प्रेम रस भरके
शिव-पार्वती की जैसे जोड़ी बनके ।
पैरों में पाजेब महावर, माथे बिन्दी सजती रहे
मांग में सिन्दूर विराजे प्रतिभा गीत गाती रहे ।
मेरा सोलह श्रृंगार सईया के लिए
व्रत हूँ पावन तीज त्यौहार सईया के लिए ।
तन, मन, धन सब तुझपर अर्पित करती हूँ
कर्म, वचन, से तुमको अपना वरण करती हूँ ।
चलता रहे खुशहाल जीवन हृदयपूर्ण स्नेहिल
मिलता रहे प्रेम से प्रेम का यूंही मंजिल ।
तीज व्रत रखा मैंने अन्न जल त्याग,
शिव पार्वती जोड़ी जैसे बनती खास।
दीर्घायु हो साजन, ऐसा वरदान मिले,
सदा सुहागन का मुझे सौभाग्य मिले….।
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई
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