नर से नारायण | Kavita Nar se Narayan
नर से नारायण
( Nar se Narayan )
गुरु पूर्णिमा विशेष
जैसे लहरों के लिए,
किनारों की
जरूरत होती है,
आसमान को
चमकाने के लिए,
सितारों की
जरूरत होती है,
अपने आप को
परखने के लिए,
पैमानों की,
जरूरत होती है ।
पैमाना जो,
सिखाता है,
पूरे जीवन का सार,
संक्षेप में बताने के लिए,
उदाहरण की खोज करता है,
हमारा अस्तित्व,
बताने के लिए,
हमें ‘नर से नारायण’,
बनाने के लिए,
जो अकथनीय निरंतर,
प्रयास करता है,
जीवन के सार को
संक्षिप्त में बताता है…!
बस उसी का नाम गुरु है,
ऐसे गुरु चरणों में,
नमन बारम्बार है |
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई
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