Hasya Vyang
Hasya Vyang

हास्य भरी प्रेम कहानी

( Hasya bhari prem kahani ) 

 

नाम था रमीला प्यार से कहता था रम्मी,
कल पता चला वो है तीन बच्चों की मम्मी।

छोटे नन्हे मुन्ने ने पकड़ कर रखा था हाथ,
देखा था उसे बाजार में तीन बच्चों के साथ।

इस कदर हुआ था उसके प्यार में गुमशुदा,
जिसे समझा कुंवारी निकली वो शादीशुदा!

दिल मेरा तोड़ गई मेरी थी इसमें क्या खता,
मांगा था मैंने तो सिर्फ उसके घर का पता।

रिचार्ज से लेकर शॉपिंग का बिल थमा गई,
मैंने समझा उसे महबूब मुझे चुना लगा गई!

 

कवि : सुमित मानधना ‘गौरव’

सूरत ( गुजरात )

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