Hey Bharat ki Betiyon
Hey Bharat ki Betiyon

हे भारत की बेटियों

( Hey Bharat ki Betiyon ) 

 

हे भारत की बेटियों
मत मांग करो
महंगी साड़ियों
और जेवरों की
ये कोमल कलाइयां
किसी घर की सोहबत बने
उससे पहले तुम
मांग लेना
अपने हिस्से की
पढ़ाई
और चूड़ियों की जगह
हाथों में कलम
तुम देखती हो किसी दूसरे घर में
अपने जाने की राह
देखो अगर देख सको
तो संसद में अपनी सीट
और सुनिश्चित करो
कि तुम्हारी एक सीट
ये जेवरों और महंगी साड़ियों की अपेक्षा कितनी जरूरी है

33 परसेंट आरक्षण क्यों लटका पड़ा है
अभी तक
कि माएं जब ठान ले
तो इतिहास रच सकती है
क्या तुमने महंगी साड़ियों और जेवरों
से लदी लड़कियों को इतिहास रचते देखा है कभी
नहीं तो तय करो
और लिख दो अपने हिस्से में
चांद
सूरज
आकाश
और संसद ।।

 

डॉ. प्रियंका सोनकर
असिस्टेंट प्रोफेसर
काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी।

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