01.
अधिक अन्न उपजाओ
——–
‘अधिक अन्न उपजाओ’
जो नारा लगाते हैं
भर पेट अन्न
सिर्फ वही पाते हैं.
जो सचमुच
अधिक अन्न उपजाते हैं,
रात में
भूखे ही सो जाते हैं.
आइए मिल -जुल कर
‘अधिक अन्न उपजाओ’
नारा लगायें ,
जन -जन की भूख मिटायें ,
देश से ग़रीबी हटायें.
02.
चरखा चलायें
——–
हुज़ूर!
अल्प वेतन से
बड़ी मुश्किल से
जी- खा रहे हैं ,
नहीं चर – खा रहे हैं.
आइए
हम और आप भी
साथ -साथ हो जाएं ,
देश को चर खाएं
चरखा चलाएं.
03.
घास कम पड़ रही है
———
मित्र!देखो
सामने खेत में
एक गाय चर रही है,
सिर है नीचे
और पूंछ हिल रही है .
एक कर्मठ नेता ,
एक ईमानदार अधिकारी,
एक सहृदय समाजसेवी
एक सफल त्रिकालदर्शी
बाबा का चरित्र
अपने में समेटे
घूम – घूम
टहल- टहल
चुन – चुन कर चर रही है ,
देश की सारी घास
कम पड़ रही है .
आर.पी सोनकर ‘तल्ख़ मेहनाजपुरी‘
13-ए, न्यू कॉलोनी, मुरादगंज,
जौनपुर-222001 ( उत्तर प्रदेश )