हिंदी दिवस पर छोटी सी कविता
हिंदी दिवस पर छोटी सी कविता
( Hindi diwas par chhoti si kavita )
सामान्य व साधारण भाषा बोलकर
जीवन जीना नहीं होता है कोई विशेष
काम, असाधारण प्रतिभा का धनी ही
जीतता है जीवन का कठिन संग्राम ।
प्रवाह के साथ तो हर कोई बहता है,
उसके विपरीत जो चलने वाला ही
हर मुश्किल को बहादुरी से सहता है।
हमें इस जीवन में हिन्दी भाषा में नया करके
जीवन के हर पल हर क्षण को संवारना है,
मन विपरीत बोलने वाले के साथ भी अच्छा
बोलने व करने का संकल्प स्वीकारना है ।
क्योंकि –
हिन्दी भाषा आस्था की अनुपम रश्मि है ।
रश्मि जिससे ह्रदय कमल खिल जाये ।
जिसके योग से सब कार्य बन जाये ।
हमारा जीवन पावन अमृत बन जाये ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)