Hindi Mein bf Wali Shayari

लगी आग को वो बढ़ाने लगे हैं | Hindi Mein bf Wali Shayari

लगी आग को वो बढ़ाने लगे हैं!

( Lagi aag ko wo badhane lage hain ) 

दरीचे से मुझको बुलाने लगे हैं,
लगी आग को वो बढ़ाने लगे हैं!

जवानी की रुत है कैसी ये दिलकश,
अंगड़ाइयों पे न कोई मेरा वश।

मचा है ये शोर अंदर किसको पता है,
खुशबू की चादर बिछाने लगे हैं।

लगी आग को वो बढ़ाने लगे हैं,
दरीचे से मुझको बुलाने लगे हैं।

मेरे दिल पे देखो वो छा गए हैं,
बहारों की मंजिल वो पा गए हैं।

तन्हाई में दिन जो काटे हैं मैंने,
निगाहों से मुझको चुराने लगे हैं।

लगी आग को वो बढ़ाने लगे हैं,
दरीचे से मुझको बुलाने लगे हैं।

मेरे सुर्ख होंठों पे रखते हथेली,
भाती नहीं मुझको सखियाँ -सहेली।

रस से कसे हैं अनारों के दाने,
करूँ क्या वो मुझमें समाने लगे हैं।

लगी आग को वो बढ़ाने लगे हैं,
दरीचे से मुझको बुलाने लगे हैं।

रामकेश एम.यादव (रायल्टी प्राप्त कवि व लेखक),मुंबई

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