Bichhiya par Kavita
Bichhiya par Kavita

शुभ होती है ये बिछिया जोड़ी

( Shubh hoti hai ye bichhiya jodi ) 

 

सदियों से चली आ रही है ये कई सारी प्रथाएं,
शादी पश्चात स्त्रियों को बिछिया सैट पहनाएं।
यह भी होती है शादी शुदा स्त्रियों की पहचान,
जो पति पत्नी के संबंध को मजबूत है बनाएं।।

इस बिछिया को सोलह श्रृंगारों में माना जाता,
जिसे पांवों की मध्यम उंगली में पहना जाता।
इसी उंगली का सीधा संबन्ध हृदय से है होता,
जो चांदी से बनी हुई चंद्र कारक माना जाता।।

रामायण काल से चल रहा बिछिया का चलन,
जब मैया सिय का हरण उस रावण ने किया।
निकाल फेंक दी तब मां ने अपनी वो बिछिया,
उसी से सुविधा हुई रामजी को ढूंढने में मैया।।

इस चांदी से बनीं बिछिया के है अनेंक फायदे,
ज्योतिष ने भी माना प्यार में हुये कई फायदे।
गर्मी से बचाकर इस मन को शीतल ये करती,
सकारात्मक उर्जा बढ़ाकर करती यह फायदे।।

इन वैज्ञानिकों ने भी माना है जिसे फायदे‌मन्द,
सुहागिनों की निशानी है इसे मानते सब जन।
नकारात्मक ऊर्जा को यही अवशोषित करती,
पांवों की ख़ूबसूरती बढ़ाती एवं हर लेती मन।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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