मॉर्निंग वॉक बनाम पुष्प | Hindi mein kahani
मॉर्निंग वॉक बनाम पुष्प
आप सोच रहे होंगे मॉर्निंग वॉक का पुष्प से क्या मतलब होता है l होता है जैसे ताजी हवा फूल की सुगंध रीना अपने 6 साल की बेटे के साथ बातें करते करते घूमने जाया करती थी मां का कर्तव्य भी होता है कि बच्चे को अच्छे संस्कार दे l
बालक को हम दूसरों की आज्ञा का पालन करना भी सिखाते हैं l तो बस देखिए रीमा घूमते घूमते पार्क पहुंच गई l प्रातः अंधेरा ही होता है सोचा चलो थोड़ा अनुलोम-विलोम हो जाए l
तभी झाड़ियों में सुरसुराहट शुरू हो गई रीमा घबरा कर खड़ी हो गई । पता चला एक बहन जी पेड़ की डगाली खींच खींच कर, फूल नोच रही थी। चलो तो फिर घूम ही लेते हैं l यह सोचकर चक्कर लगाने लगी बेटे के साथ पर, यह क्या थोड़ी देर में बच्चा ही गायब हो गया l
रीमा भागी थोड़ा आगे आने पर देखा कि बच्चा पेड़ पर चढ़ा है l एक अन्य आंटी जी उसे निर्देश दे रही है l इधर से तोड़ो उधर से तोड़ो रीमा ने दौड़कर बेटे को डांट कर उतारा और उस पर नाराज होने लगी l
बेटा बड़े भोलेपन से बोला आप ही तो कहती हो बड़ों की बातों को माना करो l रीमा की कुछ समझ ना आया क्या , जवाब देती, लोग दूसरों के घरों से, मंदिर से, रास्ते से, फूल तोड़ना तो पसंद करते हैं मगर क्या कभी पानी डालते हैं यक्ष प्रश्न वही खड़ा रहता है l
आप थोड़ी मेहनत करके खुद अपने घर में ही फूल के पेड़ क्यों नहीं लगा लेते l पानी जो डालना पड़ेगाl पौधे की देखभाल करनी पड़ेगी l बेटे के प्रश्न का उत्तर मुझे लगा मॉर्निंग वॉक बनाम पुष्प तोड़ना है l
डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश )
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