कन्हैयालाल प्रभाकर की जयंती पर अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन

अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम संस्थान सिलीगुड़ी भारत के बेहद समृद्ध मंच पर आदरणीय डॉ मुन्नालाल प्रसाद जी द्वारा एकत्रित कवियों एवं साहित्यकारों ने बिखेरा जलवा

 

हिन्दी के श्रेष्ठ रेखा चित्र, संस्मरणकार,निबंधकार एवं “नया जीवन” व “ज्ञानोदय” के संपादक कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर का जन्म 29 मई, 1906 ई. को सहारनपुर जनपद के देवबंद में हुआ था।

उदार राष्ट्रवादी तथा मानवतावादी विचारक होने के कारण इनकी रचनाओं में देशप्रेम और मानवता के अनेक रूप दिखाई देते हैं। संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित करने वाले प्रभाकर जी हिन्दी को नवीन शैली-शिल्प से सुशोभित करते रहे एवं अंत में 9 मई, 1995 को इस दुनिया को अलविदा कर हमेशा के लिए चले गये।

इनके साहित्यिक अवदानों के प्रति अपनी श्रद्धा एवं कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए इनकी जन्म तिथि की पूर्व संध्या पर डॉ. भीखी प्रसाद “वीरेंद्र” की अध्यक्षता ए्वं संस्थापक महासचिव डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में “अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम” के तत्वावधान में गूगल मीट के माध्यम से एक ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. ब्रज नंदन किशोर, पूर्व विभागाध्यक्ष, डी.ए.वी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, भारत एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, दक्षिण एशियाई भाषा व संस्कृति विभाग, क्वांगतोंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय चीन, डॉ. अनीता सिंह, शंघाई, चीन, सुश्री जोति महादेव मिसीर, सूरीनाम, डॉ. ऋतु शर्मा, नीदरलैंड, लालाराम हरद्वारसिंह लैलावती, सूरीनाम, अश्विनी केगांवकर, निदरलैंड एवं श्री विनोद कुमार दुबे, सिंगापुर उपस्थित थे, वरिष्ठ साहित्य कारा डॉ अलका अरोडा जी देहरादून से उपस्थित रही।

सबसे पहले अहमदाबद से उपस्थित मधु प्रसाद द्वारा उद्घाटन गीत प्रस्तुत किया गया एवं दुर्गापुर से उपस्थित संस्था के संरक्षक श्री रामसेवक साव ने अपने स्वागत वक्तव्य से सभी कवि एवं कवयित्रियों का स्वागत किया।

इसके बाद कार्यक्रम में शामिल देश-विदेश के कवियों ने अपनी बहुआयामी कविताएं, गीत एवं गजलों को प्रस्तुत किया। जिनमें प्रमुख रूप से

डॉ. मनोज मिश्रा, हावड़ा,

शैल मिश्रा, कोलकाता,

संतोष साह, जगत नारायण साह, दुर्गापुर,

अर्चना आर्याणी, सीवान,

विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजु’, देहरादून,

भावना सिंह, (भावनार्जुन) अलीगढ़,

आनंद उर्वशी, दिल्ली,

स्नेह लता शर्मा, लखनऊ,

अन्नपूर्णा मालवीया,(सुभाषिनी), प्रयागराज,

महेश ठाकुर “चकोर”, मुजफ्फरपुर,

ईश्वरचंद्र जायसवाल, संत कबीर नगर, उत्तरप्रदेश

एवं देवी प्रसाद पांडेय, प्रयागराज

आदि कवि एवं कवयित्रियों के नाम शामिल हैं। यह पूरा कार्यक्रम गूगल मीट एवं फेसबुक पर लाइव प्रसारित हो रहा था जिसके माध्यम से काफी संख्या में लोग जुड़े हुए थे। अंत में मुख्य अतिथि द्वारा कार्यक्रम की सफलता पर सार्थक टिप्पणी प्रस्तुत की गयी एवं धन्यवाद ज्ञापन से समापन किया गया।

 

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