देखते देखते सब बदल जाएगा | Dekhte Dekhte
देखते देखते सब बदल जाएगा
( Dekhte dekhte sab badal jayega )
( Dekhte dekhte sab badal jayega )
” मैं और चाय “ ( Main aur chai ) ले चाय की चुस्की लगाते थे, दोस्तों के साथ महफिल हम जमाते थे। लंबी-लंबी छोड़ कर गप्पे हम लड़ाते थे, चाय की टपरी पे आधी ज़िंदगी बिताते थे। टांग खींच कर दोस्तों की खूब मस्ती करते थे , पता ही नहीं चलता कब घंटों…
आदमी को आदमी का साथ देना चाहिए ( Aadmi ko Aadmi ka Sath Dena Chahiye ) गिर पड़े लाचार कोई हमें हाथ देना चाहिए। आदमी को आदमी का साथ देना चाहिए। महक जाए महफिल सारी देख मुस्कान को। खुशियां झोली में सबकी नाथ देना चाहिए। झर झर मीठी वाणी है अघरों से रसधार बहे।…
हालाते जिंदगी ( Halat-E-Zindagi ) अचानक एक ख़्याल ने, हमें अपने में बांध लिया। ताने-बाने बुनती जिजिविकाओं, ज़िंदगी के हालातो से रूबरू कराने के प्रयास ने हमें, उस मोड़ पर न जाने कितने बरसों पीछे ले जाकर छोड़ दिया। और फिर हां फिर एक-एक चेहरा शतरंज के मोहरे सा मानस पटल पर अपनी, मौजूदगी स्थापित…
मौसम ने ( Mausam Ne ) बदलते मौसम का अंदाज बहुत रंग ला रहा। वायू मंडल में घटाओं को जो बिखेर रहा। पेड़ पौधे फूल पत्ती आदि लहरा रहे है। और मंद मंद हवाओं से खुशबू को बिखर रहा।। नजारा देख ये जन्नत का किसी की याद दिला रहा। नदी तालाब बाग बगीचा भी अपनी…
उम्मीद ( Ummeed ) एक उम्मीद सी,दिल में रहती है । जो प्यार से, हमसे कहती है । चिंताएं सारी ,छोड़ भी दो । खुशियों से , नाता जोड़ ही लो । वो दिन भी, जल्दी आयेगा । मन ,आनंदित हो जायेगा । जब साथ, मिलेगा अपनों का । संग संग देखे , सब सपनों…
नजरों का धोखा ( Nazron ka dhokha ) नजरें धोखा खा गई, कैसी चली बयार। अपनापन भी खो गया, गायब सब संस्कार। नजरों का धोखा हुआ, चकाचौंध सब देख। भूल गए प्रीत पुरानी, खोया ज्ञान विवेक। नजरों का धोखा हमें, पग पग मिला अपार। धूल झोंके नयनों में, वादों की भरमार। …