Dekhte Dekhte
Dekhte Dekhte

देखते देखते सब बदल जाएगा 

( Dekhte dekhte sab badal jayega ) 

 

आज का
हर समय
कल कहलाएगा
देखते देखते
सब
बदल जाएगा।
कभी वक्त तो
कभी हालात
जिंदगी में ना
फिर ये
कल आयेगा।
ना तू डर
हो निडर
चल कदम
दो कदम
सभी से
ना ये पल आएगा।
जीवन
डगर है
बड़ा
टेढ़ा -मेढ़ा,
कब मुड़ना
पड़ेगा
कब चलना है
सीधे
जैसा कर्म
वैसा फल पाएगा।
कहां कब
मिला है
पल भर में
सफलता,
चला जो
निरंतर
रुका न
कभी भी
संघर्षों से
ही हल आयेगा।
बदलना
तेरा भी
निरन्तर
है जारी
बदलने का
आयेगा
तेरा भी बारी
छोड़ सारी
दुनिया
तू भी चल जाएगा।

रचनाकार रामबृक्ष बहादुरपुरी

( अम्बेडकरनगर )

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