देखते देखते सब बदल जाएगा | Dekhte Dekhte
देखते देखते सब बदल जाएगा
( Dekhte dekhte sab badal jayega )
( Dekhte dekhte sab badal jayega )
रामनवमी ( Ram Navami ) ( 2 ) हाथी घोड़े ऊंट सज रहे रामनाम की जय जयकार रामनवमी पर्व सनातन खुशियों भरा आया त्योहार केशरिया ध्वज लहराये गूंज रहा है नारा श्रीराम हर हर महादेव स्वर गूंजे रामनाम बस राम ही राम झूम रहे हैं राम राम में राम सिवा नहीं कोई काम नगर…
सरहद की जिंदगी ( Sarhad ki zindagi ) सीमा पे जांबाज सिपाही बारूद से बतियाते हैं। आंधी तूफानों में चलते जा शत्रु से भिड़ जाते हैं। हिमालय सा रख हौसला पराक्रम दिखला देते। सरहद के रखवाले जो बैरी के छक्के छुड़ा देते। समर के महा सेनानी रण में जौहर दिखलाते। रणयोद्धा संग्राम…
मां पर प्यारी सी कविता ऐ टूटते हुए तारे दुआ कबूल तो करो मेरी मेरी माँ को मेरे सामने सलामत सदा रखना|| हँसते मुस्कुराते चेहरे आँखों की नमी देखी है परदेश में सब कुछ है माँ बस तेरी कमी देखी हैं|| उजाले को गुमान था अपनी कलाकारी पर माँ के आँखे खोलते ही वह…
आखिरी दौर ( Aakhri daur ) आखिरी दौर है जीवन का क्यों न हम याद कर लें अपने किए कर्मों को, इसी आखिरी दौर में याद आता है सारे अच्छे,बुरे कर्म, हम भूल नही पाते हैं सारे मर्मों को। कौन कहता है कि हम भूल जाते हैं अपने सारे किए कर्म गलत या सही,…
कला संस्कृति ( Kala Sanskriti ) मेरे तेरे होने का कोई प्रणाम चाहिए। कला और संस्कृति का कोई आधार चाहिए। बिना आधार के क्या बचा पाएंगे संस्कृति को। जो हमारे पूर्वजो की बहुत बड़ी धरोहर है।। कला का संस्कृति पर बड़ा उपकार होता है। संस्कृति के चलते ही कला उदय होता है। दोनों के मिलन…
सजनी की चतुराई सैया करे सफाई ( Sajni ki chaturai saiya kare safai ) लो घर-घर दिवाली आई, शौहर की शामत आई। देखो सजनी की चतुराई, अब सैया करे सफाई। बीवी सरदर्द में झूमे, नित को सैर सपाटा घूमे। काम की बारी आई, मैडम कमरदर्द ले आई। धनलक्ष्मी के चक्कर में, गृह लक्ष्मी न…