दिनकर समर्पित अंतरराष्ट्रीय काव्यांजलि

ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रांति के उद्गायक राष्ट्रकवि रामधारी सिंह “दिनकर” के सम्मान में “अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम” (साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था) के तत्वावधान में उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए संस्था के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र नाथ शुक्ल की अध्यक्षता एवं संस्थापक महासचिव डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में श्रद्धांजलि स्वरूप गूगल मीट के माध्यम से एक ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय “काव्यांजलि”- का आयोजन किया गया है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. ब्रज नंदन किशोर, पूर्व विभागाध्यक्ष, डी.ए.वी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, भारत एवं विशिष्ट अतिथियों के रूप में प्रो. डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, दक्षिण एशियाई भाषा व संस्कृति विभाग, क्वांगतोंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय चीन, श्री विनोद कुमार दुबे, सिंगापुर, लालाराम हरद्वारसिंह लैलावती, सूरीनाम, शिखा रस्तोगी, थाईलैंड, डॉ. आरती लोकेश गोयल, दुबई, श्री शांति प्रकाश उपाध्याय, सिंगापुर एवं श्री सुरेश पांडेय, स्वीडेन उपस्थित थे।

सबसे पहले संत कबीर नगर से उपस्थित श्री ईश्वरचंद्र जायसवाल ने उद्घाटन गीत प्रस्तुत किया। उसके बाद मुख्य अतिथि ने दिनकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दिनकर की रचनाओं में राष्ट्र ए्वं जन का जो विस्फोट है वह उनके संपूर्ण साहित्य को ही पढ़कर समझा जा सकता है। उनकी किसी एक रचना पर उनका सही मूल्यांकन करना बेमानी होगा।

इस अवसर पर देश- विदेश के कवि एवं कवयित्रियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर दिनकर के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। जिनमें प्रमुख रूप से

जय प्रकाश अग्रवाल, नेपाल,

डॉ. भीखी प्रसाद “वीरेन्द्र” सिलीगुड़ी,

ईश्वर करुण, चेन्नई,

महेश ठाकुर, मुजफ्फरपुर,

अर्चना आर्याणी, सीवान,

विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजु’, देहरादून,

डॉ. कमलेश शुक्ला कीर्ति, कानपुर,

शारदा प्रसाद दुबे, ‘शरतचंद्र’ थाणे, मुंबई,

भावना सिंह, (भावनार्जुन) अलीगढ़,

डॉ. लोकेश शर्मा, भरतपुर, राजस्थान,

गुंजन गुप्ता, सिलीगुड़ी,

शैल मिश्रा, कोलकाता,

हिमांशु पाठक, नैनीताल,

नीरज सिंह, सीवान’,

सुखदेव शर्मा, बदायूं,

हिमांशु पाठक, नैनीताल

एवं आनंद उर्वशी, दिल्ली

आदि के नाम शामिल हैं।

अंत में डॉ. ओमप्रकाश पांडेय, सिलीगुड़ी ने सबके प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। यह पूरा कार्यक्रम “गूगल मीट” के साथ-साथ “यूट्यूब” एवं “फेसबुक” पर भी लाइव प्रसारित हो रहा था। जिसके माध्यम से अनेक दर्शक जुड़े हुए थे।

यह भी पढ़ें :-

‘‘सामाजिक चिंतन यथार्थ व आदर्श’’ पुस्तक का विमोचन

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *