जब उनसे मुलाकात हुई | Geet
जब उनसे मुलाकात हुई
( Jab unse mulaqat hui )
खिल गई मन की बगिया
मधुर सुहानी रात हुई
महक उठा दिल का चमन
जब उनसे मुलाकात हुई
साज सारे थिरक उठते
मधुर वीणा के तार बजे
होठों पर सुर मुरली के
मधुर हंसी चेहरे पे सजे
गीतों की मोहक बहारें
संगीत की बरसात हुई
जब उनसे मुलाकात हुई
चमक उठे नैन हमारे
उर उमंगे घिर आई
सावन की घटाओं सी
बरस पड़ी अमराई
भाव नेह भरकर उमड़े
दिल से दिल की बात हुई
जब उनसे मुलाकात हुई
वासंती मन महकाया
फागुन ने ली अंगड़ाई
प्यार के तराने उमड़े
रंगों की छटा लहराई
बरसने लगे बोल मीठे
सावन सी शुरुआत हुई
जब उनसे मुलाकात हुई
दमक उठा मन का कोना
दिवाली सी रौनक आई
घुली नैनों में प्रीत निराली
मीठी मुस्कान लबों पे छाई
हर कोई अब प्यारा लगता
मिल गई हो सौगात नई
जब उनसे मुलाकात हुई
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
बहुत ही सुन्दर , अप्रतिम कविता
वाह!!!