![Friendship poem in Hindi Friendship poem in Hindi](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2022/08/Friendship-poem-in-Hindi-696x464.png)
मित्रता
( Mitrata )
सबसे सघन विश्वसनीय आधार है मित्रता,
जीवन में एक अनूठा उपहार है मित्रता ।
दुख सुख में जो साथ दे,कंधों पर हाथ दे ,
ऐसा उत्तम मानव व्यवहार है मित्रता।।
जीवन में न जाने कितने रिश्ते खास होते हैं ,
पर मित्रता के बिना सारे रिश्ते उदास होते हैं।
जब छोड़ देते हैं दुःख में साथ सभी अपने ,
तब सहारा देने के लिए मित्र ही पास होते हैं।।
कृष्ण सुदामा की मित्रता का जग गान करता है ,
ऐसा मित्र मिले तो कौन नहीं मान करता है।
एक राजा है एक रंक है, मित्रता क्या जाने,
बस दो मुट्ठी चावल में सब कुछ दान करता है।।
मित्रता में ही राम ने बाली से रण किया ,
विभीषण को भी राजा बनाने का प्रण किया।
बंदर भालूओ ने भी खूब मित्रता निभाई ,
जब रावण ने माता सीता का हरण किया।।
जगत में मित्रता का कोई मोल नहीं होता ,
विश्वास समर्पण का ऐसा घोल नहीं होता।
रिश्ते नाते बहुत होते हैं जीवन में हमारे,
पर मित्रता जैसा नाता अनमोल नहीं होता ।।