जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी
जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी
***********
बिहार के जनता-
भूल गईल बा मंदिर मस्जिद,
आ भूल गईल बा जाति मजहब;
भैया हो ! अबकी चुनाव में-
बिहारी कइले बा गजब!
जनता के मांग अबकी नेता के नइखे पचत,
जेने जाईं ओन्ने बेरोजगार बाड़े पूछत।
कहां बा# रोजगार?
हे सरकार!
वोटवा लेवे खातिर बानी बेकरार।
रोजगार देम की ना ?
कोई दस लाख त# कोई उनइस र#ट#तारे,
दिनहीं नेताजी तारा देख#ता#रे!
अब दसे ( १०.११.२०) के देखल जाई
के बावे बीस;
जनता जनार्दन-
निकाल#तारन केकरा पर खीस।
धकाधक प्रचार होता,
बाकी जैसे जैसे समय नजदीकाता;
नेताजी के जिया धकधकाता।
का होई?
कुर्सी रही की जाई?
बिहारी जनता अबकी झांसा में ना आई।
बिहार आ बिहारी हमेशा-
देश के दिशा देले बा!
अबकीयो दी,
केतना नेता लोग बोरिया बिस्तर समेट ली!
जात पात , मंदिर मस्जिद छोड़ मांगता-
कल-कारखाना आ रोजगार,
दादा हो दादा !
अबके त# जागल बा# बिहार।
अबकी मुद्दा –
गरीबी , बेरोजगारी, भूखमरी, लाचार, बीमारी, सड़क, अस्पताल पर ले आईल बा,
जेही आवता उनके से पूछ#ता!
दे#ब# शिक्षा, रोजगार?
ना#त # मुश्किल बा#अबकी सरकार!
शिक्षा चाहीं, भिक्षा ना#!
पढ़ लेम त अधिकार छीन लेम,
रोटी कपड़ा के जोगार कर लेम।
लेकिन शिक्षा चाहीं,
भेकेंसी आवे के चाहीं?
हमनी के कंपीटिशन में रिकार्ड बा।
देश विदेश में डंका बजाइला,
कल-कारखाना इंहवा नइखे एहीसे मार खाइला;
ना त आइएएस पीसीएस त चुटकी में पास हो जाइला।
बिहारी अबकी जाग रहल बा#,
नेता से अधिकार आपन मांग रहल बा#।
जुमला फेंके वाला भाग रहल बा#,
युवा पीछे से चहेंट रहल बा#।
ई मैसेज देश दुनिया में जाए के चाहीं,
चुनाव में जुमला ना !
काम के लिस्ट देखे के चाहीं,
जनता दे रहल बा नेताजी के चाभी।
बिहारी जनता के किस्मत अबकी बा जागी!
देखीं अबकी के आव#ता आ के भागी।
नेता लोग के आ रहल बा आंधी,
गांवे गांवे घूम ता#रे बन के गांधी।
जय बिहार,
जय बिहार की जनता,
देखा# देले बा#र# अबकी आपन क्षमता!
डटल रह# ,
रोजगार पर अटल रह#।
देश के बा नज़र बिहारी पर,
फेरू मर मिटी दुनिया-
हमनी के होशियारी पर।
?