जगमगाती दीपावली
( Jagmagati dipawali )
दीप प्रज्ज्वलित हो रहें
छठ रही है बदली काली ,
तुम्हारे मन के कोने में कही
ना रहें कोई जगह खाली
भर लो खुशी से हृदय तुम,
सकारात्मक दिवाली मनाना तुम ।।
मिट्टी के दिए जलाना तुम
पवित्र चौक आंगन पुराना तुम
करके सभी का सहयोग सेवा ,
मन से खुशियां मानना तुम
मिलवाट कर एक दूजे संग ,
सकारात्मक दिवाली मनाना तुम ।।
मिठाई, पटाखे लाना तुम ,
भर भर गुजिया बनाना तुम
सबके मुंह मीठा करवाना तुम
देखो संस्कार भूल न जाना तुम
रखना ख्याल औरों का भी ,
सकारात्मक दिवाली मनाना तुम ।।
भूल से किसी का दिल न दुखाना
अपने घर के हर कोने में रख देना
दीप , हल्दी और सुंगंध की प्याली
मेहकाके तुम हर कोना घर का ,
लक्ष्मी चरण सुंदर से सजना तुम
सकारात्मक दिवाली मनाना तुम ।।
आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश