दिल के घाव | Dil ke Ghaw
दिल के घाव
( Dil ke ghaw )
जानता हूं तेरी हर बात मैं
जानता हूं तेरे हर जज्बात मैं
सुनना चाहता हूं तेरे लबों से
मिटा दें दिल के हर घाव को
और सुना दें मुझे जी भरकर
पढ़ रहा हूं तेरी कश्मकश को
पढ़ रहा हूं तेरे मन को
छुपी नहीं है तेरे आंखों का पानी मुझसे
उन जहर को उड़ेल दे मुझपर
और सुना दें मुझे जी भरकर
तेरे ख्वाबों को जानता हूं
तेरे अक्श को पहचानता हूं
गर लगें तुझे
ख्वाबों का दरिया सूख रहा है
गर लगें तुझे
कुछ पीछे छूट रहा है
तों आवाज देना मुझे
और सुना देना मुझे जी भरकर
नवीन मद्धेशिया
गोरखपुर, ( उत्तर प्रदेश )