
जय जय जय हो हिंदुस्तान
( Jay Jay Jay Ho Hindustan )
चल धरती से गगन घूम कर, पहुंचा चंद्र चंद्रयान
जय जय जय हो हिंदुस्तान……. ……..
कोटि-कोटि भारत के वासी
स्वागत और सत्कार किया,
हर दिल के हर एक धड़कन में
खुशियां अपरम्पार किया ,
पहुंच चांद पर गाड़ तिरंगा,भारत बना महान
जय जय जय हो हिंदुस्तान……………
दुनिया में इतिहास रचा तू
उदित दिवाकर भानु बना,
चमक चला तू नील गगन में
गौरव और सम्मान बना ,
धरा गगन और चांद तलक तू ,बना लिया पहचान
जय जय हो हिंदुस्तान………………
यह चंद्रयान की सफल यात्रा
दुनिया को सौगात दिया,
मिल सकती है मंजिल राहें
एक नया विश्वास दिया,
गढ़ी कहानी अमर चांद पर, अपना छोड़ निशान
जय जय हो हिंदुस्तान………………….
रिश्ता था मामा का अपना
लड्डू मोतीचूर सा
बसता था दिल में बच्चों के
चाहे जितना दूर था
धन्य है भारत धन्य वैज्ञानिक, धन्य सदा विज्ञान
जय जय जय हिंदुस्तान……………….
मिलकर बोलें वंदेमातरम
जोर जोश विश्वास से
गान तिरंगा की हम गाएं
दम भरके एक सांस से,
मिलकर आओ खुशी मनाएं,भारत बना महान
जय जय जय हो हिंदुस्तान……………
रचनाकार –रामबृक्ष बहादुरपुरी