
जीवन का आनंद
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(मंजूर के दोहे)
१)
उठाओ पल पल जग में, जीवन का आनंद।
चिंता व्यर्थ की त्यागें, रहें सदा सानंद।।
२)
खुशी खुशी जो बीत गए,क्षण वही अमृत जान।
बिना पक्ष और भेद किए,आओ सबके काम।।
३)
यह आनंद जीवन का, कस्तूरी के समान।
साथ रहे व संग चले, कठिन बड़ी पहचान।।
४)
आनंद पाने के लिए, मचले हर इंसान।
माया मोह ना छोड़े, पावे न बेइमान।।
५)
जीवन का आनंद लें, करके जग के काम।
दुखियों की सेवा करें, संत उसे ही जान।।
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लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।