जिंदगी तूं हमें कमज़ोर न कर
जिंदगी तूं हमें कमज़ोर न कर

जिंदगी तूं हमें कमज़ोर न कर

 

 

छोड़ जिद जाने की अब जोर न कर।

जिंदगी तूं हमें कमजोर न कर।।

 

जाग जायेंगे क्या क्या बोलेंगे,

अरी पायल तूं इतना शोर न कर।।

 

कौन रह जायेगा इस दुनिया में

हादसे इस कदर हर ओर न कर।।

 

जब सभी लोग बुरा कहते हैं,

तुमभी कहलो कसर कोर न कर।।

 

काम अपना ही चमन आयेगा,

शेष मयखाने में तूं भोर न कर।।

 

 

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कवि व शायर: शेष मणि शर्मा “इलाहाबादी”
प्रा०वि०-बहेरा वि खं-महोली,
जनपद सीतापुर ( उत्तर प्रदेश।)

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