जो कुछ उम्दा | Jo Kuch Umda
जो कुछ उम्दा
( Jo kuch umda)
नया / पुराना / अभी का/ तभी का
जो कुछ भी है/ जहांँ भी/कहीं का/
हर क्षेत्र का/ हर विधा का/
बस वही रहे /जो है उम्दा
सर्वप्रिय/ मंगलकारी
सत्यम/ शिवम/ सुंदरम सा
जिससे हो अपना/ देश का भला
बाकी सब /उखाड़ फेंको
बाहर का/ दरवाजा दिखा दो।
कांँच नहीं / हीरे बनो / जौहरी भी।।
( साहित्यकार, कवयित्री, रेडियो-टीवी एंकर, समाजसेवी )
भोपाल, मध्य प्रदेश