Josh kavita
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मत रोको मेरा रास्ता

( Mat roko mera raasta )

 

राहों की चट्टानों सुन लो सारे व्यवधानों सुन लो।
मत रोको मेरा रास्ता मुश्किलों तूफानों सुन लो।

 

जोश जज्बा हौसलों से आंधियों से भीड़ जाता हूं।
मंजिलों का मै एक राही हर तूफान से टकराता हूं।

 

हवाओं का रुख बदलना समझ ना लेना शौक मेरा।
मंजिलों की धुन में रहता बुलंदियां ही जयघोष मेरा।

 

चकाचौंध से दूर रहकर कदम फूंक कर रखता हूं।
दुर्गम राहों का मै राही जीवन अनुभव चखता हूं।

 

धधकती बारूद भी प्यार भरा कल कल झरना।
देशभक्त मतवाला भी हूं देशहित जीना मरना।

 

मेरी अटल सोच इरादे कहीं अड़चनें ना बन जाना।
मत रोको मेरा रास्ता सोचो पड़ ना जाये पछताना।

 

यश कीर्ति वैभव सारे किस्मत के भाग्य सितारे।
साहस उर में भर जाते सब बुलंद हौसले हमारे।

 

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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