Jungle par Bhojpuri kavita
Jungle par Bhojpuri kavita

” जंगल “

( Jungle ) 

 

जंगल हऽ देश के थाथी
जे में रहे हाथी
गाछ, पेड़ बरसाती
चिता, शेर अउर क‌ई गो जाती
जंगल हऽ देश के थाथी
जे में रहे सब जानवर के निवास
सब चिड़ियन के रहे वास
जड़ी बुटी के सब प्रजाती
जंगल हऽ देश के थाथी
सब फल के भंडार भेटाये
तरह-तरह के फुल खिलाये
हवा बहा बरसात कराये
लोगन के हऽ संघाती
जंगल हऽ देश के थाथी
अइसन कहवा इयार भेटाई
धुप सह, छांव भेटवाई
जिवन मे खुशहाली लाई
जियत जिवन मरत लकड़ी दे जाई
हटे जिवन के बाती
जंगल हऽ देश के थाथी

 

कवि – उदय शंकर “प्रसाद”
पूर्व सहायक प्रोफेसर (फ्रेंच विभाग), तमिलनाडु
यह भी पढ़ें:-

रोटि | Roti par Bhojpuri kavita

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here