होलिया में होले छेड़खानी | Holiya me Hole
होलिया में होले छेड़खानी
रगड़ा न गलवा हमार,
अबहिन कोरी बा चुनरिया।
रगड़ा न गलवा हमार,
अबहिन कोरी बा चुनरिया।
कोरी बा चुनरिया हो,कोरी बा चुनरिया,
कोरी बा चुनरिया हो,कोरी बा चुनरिया,
रगड़ा न गलवा हमार,
अबहिन कोरी बा चुनरिया।
लाले-लाले होंठवा कै हमरी ललइया,
बनके भंवरवा न लूटा ई मलइया।
न लूटा ई मलइया हो,न लूटा ई मलइया,
न लूटा ई मलइया हो,न लूटा ई मलइया।
समझा न हमके गँवार,
अबहिन कोरी बा चुनरिया।
रगड़ा न गलवा हमार,
अबहिन कोरी बा चुनरिया। ( 2)
रंगवाँ लगाउब जहाँ-जहाँ अच्छा लागी,
केतना सपनवाँ में तोहरे हम जागी।
केतना हम जागी हो, केतना हम जागी,
केतना हम जागी हो,केतना हम जागी।
डलबू तू एके का अचार ?
अबहिन कोरी बा चुनरिया।
रगड़ा न गलवा हमार,
अबहिन कोरी बा चुनरिया। ( 2)
करा बरजोरी नाहीं देखा मोर तलवा,
केहू कै अमानत बाटी उहै छुई गलवा।
उहै छुई गलवा हो, उहै छुई गलवा,
उहै छुई गलवा हो, उहै छुई गलवा,
करा न तू हमके लाचार,
अबहिन कोरी बा चुनरिया।
रगड़ा न गलवा हमार,
अबहिन कोरी बा चुनरिया। ( 2)
हर जगह होलिया में होले छेड़खानी,
तू हूँ लूटा मजवा ई चढ़ल जवानी।
चढ़ल जवानी हो, चढ़ल जवानी,
चढ़ल जवानी हो, चढ़ल जवानी,
रोका पिचकरिया कै धार,
अबहिन कोरी बा चुनरिया।
रगड़ा न गलवा हमार,
अबहिन कोरी बा चुनरिया।