Ghazal | कैसा दौर जमाने आया
कैसा दौर जमाने आया
( Kaisa Daur Jamane Aya )
कैसा दौर जमाने आया।
लालच है हर दिल पे छाया।।
बात कहां वो अपनेपन की।
सब कुछ लगता आज पराया।।
कोई सच्ची बात न सुनता।
झूठ सभी के मन को भाया।।
कौन किसी से कमतर बोलो।
रौब जमाते सब को पाया।।
टूट चुका हर नाता जैसे।
दिल में सबके वैर समाया।।
कांटों की तुम बात करो क्या।
फूलों से भी जख्म है खाया।।