Kavita viral hone ka chaska
Kavita viral hone ka chaska

 वायरल होने का चस्का

( Viral hone ka chaska )

 

 

सबको लगा है आजकल वायरल होने का चस्का,

फेमस हो जाऊं कुछ भी करके ऐसी है ‌यह मंशा।

लड़के-लड़कियां युवा व्यक्ति चाहें उम्र वृद्धावस्था,

चढ़ा हुआ है हर व्यक्ति को गहरा इसका ये नशा।।

 

चिपके हुए रहते है सभी आज मोबाइलों में बच्चें,

पढ़ने-लिखने और खेलों में हो रहे है सभी कच्चे।

मासूमियत जिनसे छीन गई हो रहे है ये कमजोर,

खुशियां खंगाल रहे है आज ये मोबाईल में बच्चें।।

 

आज यही फेसबुक सबका अभिन्न अंग बन गया,

किंतु प्रसिद्धि पाने की होड़ सभी की ये बन गया।

एक-दूजे से संपर्क के उद्देश्यों से यह बनाया गया,

जिससे जुड़े देश-विदेश के लोग आज नया-नया।।

 

अजीब-अजीब वीडियो बनाकर इस पर चढ़ा रहें,

ग़लत राहों पर चलकर अपनी आदतें बिगाड़ रहें।

भूल रहें है अपनी मर्यादा संस्कृतियां व लाज शर्म,

वायरल होने के चक्कर में नग्न-नृत्य भी कर रहें।।

 

अश्लील वीडियो ना चढ़ाएं ऐसे प्लेटफार्म पे कोई,

सोशल-मीडिया पर मत करो हरकते बेहुदा कोई।

सही ग़लत का ध्यान रखों इससे प्रसिद्ध होते नहीं,

फेसबुक इंस्टाग्राम चलाओ सोच समझकर कोई।।

 

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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