साहसी राष्ट्रपति मार्सेलो
पुर्तगाली राष्ट्रपति के साहस ने
दुनिया को चौंकाया है,
डूब रहीं दो लड़कियों को
अपनी जान पर खेलकर बचाया है।
71 वर्षीय राष्ट्रपति बुजुर्ग हैं,
उनकी हिम्मत और साहस देख
आज दुनिया कर रही उनकी कद्र है ।
सहसा मुझे भी वीर कुंवर सिंह की याद आ गई,
1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजी सेना से संघर्ष में-
जब उनकी बांह में गोली लग गई।
तो झट काट कर नदी में बहा दिया ,
लेकिन अंग्रेजों के आगे आत्मसमर्पण नहीं किया।
वो भी बुजुर्ग थे ये भी बुजुर्ग हैं,
वो भी हिम्मती थे ये भी हिम्मती हैं।
साहस भी है एक समान ,
इसीलिए दुनिया भर में मिल रहा है मान।
हुआ यूं कि-
पुर्तगाली राष्ट्रपति मार्सेलो रेबोलो डिसूजा,
पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु अलगर्व तट पर छुट्टियां मना रहे थे-
देखा दो लड़कियां डूब रहीं हैं!
उनकी डेंगी पलट गई थी,
लहरों में दोनों फंस गयीं थीं;
प्राण बचाने को संघर्ष कर रहीं थीं।
राष्ट्रपति मार्सेलो ने आव देखा न ताव
झट समुद्र में छलांग लगा दिए,
तैरकर उनके पास गए;
एक अन्य व्यक्ति की मदद से किनारे खींच लाए।
और दोनों की जान बचा लिया,
कुछ इस तरह उन्होंने साहस का परिचय दिया।
दुनिया भर में राष्ट्रपति के साहस की चर्चा हो रही है,
सर्वत्र उनकी प्रशंसा ही हो रही है।
वाकई यह घटना अनोखी है,
ऐसा पहले किसी ने कभी नहीं देखी है।
निश्चय ही उन्होंने किया है कमाल,
ऐसे बहादुर राष्ट्रपति को मेरा है सलाम।
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