कैसा गणतंत्र | Kaisa Gantantra
कैसा गणतंत्र ? किसका गणतंत्र ?
जिस देश में ,
आज भी,
संतुलित आहार तो दूर ,
करोड़ों लोग भूख से,
तड़प कर दम तोड़ देते हो, किसान आत्महत्या,
करने को मजबूर हो,
युवा उच्च शिक्षित होते हुए भी दर-दर भटकने को मजबूर हो,
दिन-रात काम करने के बावजूद करोड़ लोग फुटपाथ पर,
सोने को मजबूर हो ,
जहां अपनी आवाज,
उठाने वालों की आवाज को,
आज भी,
कुचल दिया जाता हो!
यह गणतंत्र मात्र,
एक प्रतिशत अमीरों के लिए है, 99% जनता ,
कल भी भूखी नंगी थी,
आज भी भूखी नंगी है।
भारत की आम जनता ,
कल भी न्याय के लिए
दर दर भटकटी थी,
आज भी,
दर-दर भटकती है।
यह विकास मात्र ,
कुछ अमीरों के लिए हुआं है संतुलित भोजन क्या होता है? करोड़ों लोगों को ,
आज भी पता नहीं ,
न्यायालय , पुलिस पूरा तंत्र, अमीरों की सुरक्षा में लगा है।
जो की परतंत्र भारत में,
अंग्रेजों की सुरक्षा में लगा था। गरीब ,किसान, मजदूर ,
कल भी असहाय था
और आज भी असहाय है।
अमीरों और गरीबों के लिए,
कल भी अलग-अलग न्याय थे, और आज भी,
अलग-अलग न्याय हैं ,
कल भी ,
एक कमजोर असहाय व्यक्ति को, फांसी पर चढ़ा देता था ,
और आज भी चढ़ा देता है। है अमीर कल भी,
पैसे के बल पर ,
गंभीरतम अपराध में भी,
शान से बच निकलता था ,
और आज भी बच निकलता है। यह कैसा न्याय है?
गरीब असहाय कल भी था, न्याय के लिए दर-दर भटकता था और आज भी भटक रहा है।
बेरोजगारी से त्रस्त युवको को रोजगार मांगने पर,
कल भी,
प्रताणित किया जाता था ,
और आज भी,
प्रताणित किया जा रहा है।
यह कैसा गणतंत्र है,
जो अपना हक ना मांग सके,
हम गुलाम कल भी थे ,
गुलाम आज भी हैं।
कल भी उच्च शिक्षा ,
अमीरों के पास थी ,
आज भी अमीरों के पास है। बुनियादी जरूरतों से महफूज कल भी,
गरीब बेबस जनता थी,
आज भी है।
शिक्षा के नाम पर,
अमीरों के लिए ,
स्कूलों का निजीकरण, बाजारीकरण किया जा रहा जिसके पास पैसा होगा,
वही शिक्षा प्राप्त कर सकेगा, गरीब का बच्चा,
कल भी शिक्षा से वंचित था, आज भी वंचित है।
कर्ज में डूब कर ,
कल भी,
गरीब ,बेबस मजदूर,
आत्महत्या कर लेता था ,
आज भी आत्महत्या कर लेता है।
अमीर कल भी,
कर्ज में डूबने पर,
विदेश भाग जाता था ,
आज भी विदेश भाग जाता है ।
ये बैंक ,ये सरकारें ,
उसका कुछ नहीं कर पाती है ।
सारा न्याय, सारा कानून,
गरीबों के लिए,
कल भी था,
आज भी है।
अमीर तो उसे ,
कल भी खरीद लेता था ,
आज भी खरीद ले रहा है।
ये कैसा गणतंत्र है?
ये किसका गणतंत्र है?
योगाचार्य धर्मचंद्र जी
नरई फूलपुर ( प्रयागराज )