कैसी शिक्षा कैसा नाम 

( Kaisi shiksha kaisa naam )

 

क्या है उत्तर क्या है दक्षिण
कैसी शिक्षा कैसा नाम
भोली भाली कितनी प्यारी
जनता को रोटी से काम
भाड़ में जाए पढ़ना लिखना
अच्छा जीवन अच्छा धाम
जो होगा देखा जाएगा
पैक बनेगा हर एक शाम
किए बिना ही मेहनत कुछ भी
राशन मिलता दो-दो बार
मिले खतौनी वाला रुपया
रुपया आवे छप्पर फाड़
कौन जरुरत करने का कुछ
मेहरबान है जब सरकार
क्यों कुछ जाने क्यों कुछ माने
किसका क्या है अब दरकार।
बड़े मौज से बीत रहा है
चिंता फिकर नहीं दिन रात
फिर काहें कै फ़िक्र करे हम
कटत दाल अरहर और भात
दादा बाबा पढ़े ना कोई
हम पढ़िकै फिर का बन जाब
ना कुछ मिलिहै काम अगर तो
दारू पीकर बनब नबाब
मरिकै का कुछ लैइकै जाबै
सब पड़ा यहीं रह जाएगा
बाप पूत फिर करब नरेगा
पैसा दो गो आएगा
काली अक्षर भैंस बराबर
जीवन में क्या उसका काम
क्या है उत्तर क्या है दक्षिण
कैसी शिक्षा कैसा नाम।

रचनाकार रामबृक्ष बहादुरपुरी

( अम्बेडकरनगर )

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