कर गया है मेरा ही दग़ा आज दिल 

( Kar gaya hai mera hi daga aaj dil )

 

 

कर गया है मेरा ही दग़ा आज दिल

ये किसी पे फ़िदा हो गया आज दिल

 

आज तो याद आयी किसी की इतनी

इस कदर ये आहें भर रहा आज दिल

 

चाह तक़दीर में वो मिला ही नहीं

बेबसी पे अपनी रो पड़ा आज दिल

 

दूर हो जाये तन्हाई दिल की ज़रा

ढूंढ़ रहा है कोई आशना आज दिल

 

तोड़कर प्यार से ही भरा दिल मेरा

हां किसी ने ही ग़म से भरा आज दिल

 

दी है आज़म वफ़ायें जिसे हर घड़ी

कर रहा है वही बेवफ़ा आज दिल

 

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शायर: आज़म नैय्यर

( सहारनपुर )

 

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