बुद्ध वाणी | Kavita Buddha Bani
बुद्ध वाणी
( Boudha Bani )
सुन प्राणी बुद्ध की वाणी बुद्ध शरण गच्छामि
सुन प्राणी धम्म शरण गच्छामि संघ शर्ण गच्छामि
सुन प्राणी चार आर्य सत्य दुख कारण निदान
वह मार्ग जिससे होता दुख का पूर्ण निदान
पंचशील प्रमुख जान हत्या चोरी व्यभिचार असत्य मधपान
अष्टांगिक मार्ग के जीवन सुखमय बनाने के सोपान
प्रज्ञा सम्यक दृष्टि अंधविश्वास तथा भ्रम से रहित
शील सम्यक वचन नम्र उन्मुक्त सत्यनिष्ठ प्रेम सहित
सम्यक् कर्मांत शांति पूर्ण निष्ठा पूर्ण पवित्र संभ्रांत
सम्यक आजीव किसी प्राणी को नहीं हानि आघात
समाधि सम्यक् व्यायाम आत्म-प्रशिक्षण आत्म-निग्रह हेतू
सम्यक् स्मृति सक्रिय सचेत मन सम्यक् समाधि हेतू
जीवन की यथार्थ पर गहन ध्यान शुद्ध संस्कार
बुद्ध धम्म की मूल भावना का संकलन सार
तन की बुराई तीन तज हत्या चोरी व्यभिचार
वचन की बुराई झूठ निंदा गाली बकवास चार
‘कागा’ मन की बुराई तीन लालच द्वेष त्रुटि
जो आये शरण बुद्ध की रहे नहीं त्रुटि
कवि साहित्यकार: डा. तरूण राय कागा
पूर्व विधायक