एकता का सूत्र | Kavita Ekta ka Sutra

एकता का सूत्र

( Ekta ka Sutra )

समय की पुकार को समझो
और अपने आप को बदलो।
हम इंसान है और इंसानो की
इंसानियत को भी समझो।
अनेकता में एकता को देखों
आबाम की बातों को सुनों।
शांति की राह को चुनो
और शांति स्थापित करो।।

देश दुनिया की बातें करते है
अपने आप को श्रेष्ठ कहते है।
जबकि क ख जानते नही है
शांती स्थापित करने की।
फिर ज्ञान सभी को दे रहे
और खुदको महात्मा बता रहे।
जबकि खुदको ही समझते नही
और ज्ञान दुनिया को दे रहे।।

काल का चक्र कब कहा
किस तरफ घूम जायेगा।
अमन शांति का पैगाम
कौन कहा से खोजेगा।
और दुनिया को एक मंत्र
एकता का कौन दे पायेगा।
या सारे के सारे लोग
इस चक्र में उलझे रहेंगे।।

Sanjay Jain Bina

जय जिनेंद्र
संजय जैन “बीना” मुंबई

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