Mere Papa
Mere Papa

मेरे पापा

( Mere Papa ) 

 

कहां चले गए हमें
यू अकेला छोड़ के

कर पाते कुछ बातें
रिश्ते सारे तोड़ के

बहतेआंखों के आंसू
क्यों नहीं अब पोछते

हंसते-हंसते चुपके से
हाथ हमारा छोड़ के

गम दबा ढूंढ रहे हैं
मुस्कुराहट ओढ के

तलाशते रहते हैं
बेटा कोई हमें कहेl

 

डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश )

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पापा | Papa

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